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Thursday, February 01, 2018

कंप्यूटर बूटिंग क्या होती है - What is a computer booting

कंप्यूटर बूटिंग क्या होती है - What is a computer booting

जब आप कंप्‍यूटर स्‍टार्ट करते हैं तो सीपीयू (CPU) और बायोस (BIOS) मिलकर कंप्‍यूटर को स्‍कैन करते हैं, जिसमें कंप्‍यूटर यह पता करता है कि मदरबोर्ड से कौन-कौन से उपकरण जुडें है और ठीक प्रकार से काम कर रहे हैं या नहीं, इसमें रैम, डिस्‍पले, हार्डडिस्‍क आदि की जॉच होती है, यह प्रक्रिया पोस्‍ट (Post) कहलाती है।

जब कंप्‍यूटर पोस्‍ट (Post) की प्रकिया कंम्‍पलीट कर लेता है तो बायोस (BIOS) बूूटिंग डिवाइस को सर्च करता हैै, वह हर बूट डिवाइस में बूटिंग फाइल को सर्च करता है, सबसे पहले First Boot Device, फिर Second Boot Device इसके बाद Third Boot Device और अगर इसमें भी बूटिंग फाइल न मिले तो Boot Other Device, बायोस (BIOS) को जिसमें भी पहले बूटिंग फाइल (Booting File) मिल जाती है। वह उसी से कंप्‍यूटर को बूट करा देता है और कंप्यूटर में विंडो की लोडिंग शुरू हो जाती है।

जो लोग सीडी या डीवीडी से विंडोज इंस्‍टॉल करते हैं वह First Boot Device के तौर पर CDROM को सलेक्‍ट करते हैं, लेकिन हर किसी सीडी से बायोस (BIOS) कंप्‍यूटर को बूट नहीं करा सकता है इसके लिये सीडी या डीवीडी का बूटेबल (Bootable CD or DVD) होना जरूरी है, बूटेबल (Bootable) होने का मतलब है कि उसमें बूटिंग फाइल (Booting File) होना चाहिये जिससे बायोस (BIOS) उसे पढ सके। 

अगर आपके कंप्‍यूटर में कोई भी (Bootable Media) नहीं है तो आपको Insert Boot Media Disk का Error दिखाई देगा, Error आपको तब भी दिखाई देे सकता है जब आपको कंप्‍यूटर हार्डडिस्‍क से बूट न ले रहा हो। 
                           Type of Booting - बूटिंग के प्रकार

कंप्यूटर में बूटिंग दो प्रकार की होती है कोल्ड बूटिंग (Cold booting) और वार्म बूटिंग (Warm Booting) - 

What is Cold booting कोल्ड बूटिंग क्‍या होती है - 
जब आप सीपीयू के कंप्‍यूटर (computer) का पावर बटन (Power button) या स्‍टार्ट बटन (Start button) को प्रेस कर कंप्‍यूटर को स्‍टार्ट करते हैं तो इसे कोल्ड बूटिंग (Cold booting) कहा जाता है। 

What is  Warm Booting वार्म बूटिंग क्‍या होती है - 

कंप्‍यूटर के हैंग होने की स्थिति में की-बोर्ड के द्वारा Alt+Ctrl+Del दबाकर या फिर रिस्टार्ट बटन का उपयोग कंप्‍यूटर को दोबारा बूट कराने की प्रकिया वार्म बूटिंग कहलाती (Warm Booting) या रीबूट (reboot) भी कहते हैं

क्‍या है 32 बिट और 64 बिट

       क्‍या है 32 बिट और 64 बिट 






आप तो जानते ही हैं कि कंप्‍यूटर के सारे काम तेजी से करने के लिये ऑपरेटिंग सिस्‍टम के साथ-साथ आपके प्रोसेसर की भी अहम भूमिका होती है और यह इस बात पर निर्भर करती है कि अापका प्रोससर एक बार में कितना डाटा प्रोसेस करता है, यानि कितनी जल्‍दी सूचनाओं का अादान-प्रदान करता है। 

अब बात करते हैं बिट की। बिट (bit) कंप्‍यूटर की मैमोरी की सबसे छोटी ईकाई होती है, जब चार बिट को मिला दिया जाता है तो उसे निब्‍बल (Nibble) कहते हैं यानी 1 निब्‍बल = 4 बिट बाइट (Byte) अौर 8‍ बिट के एक समूह को बाइट कहते हैं। 

यानि 32 बिट के कंप्‍यूटर का प्रोसेसर एक बार में 32 बिट डाटा को प्रोसेस कर सकता है और 64 बिट का प्रोसेसर एक बार में 64 बिट डाटा का प्रोसेसर उससे दुगना डाटा एक बार में प्रोसेस करता है। अब एक अौर बात प्रोसेसर को यह डाटा प्रोसेस करने के लिये रैम की आवश्‍यकता होती है। 32 बिट के कंप्‍यूटर के कंप्‍यूटर में आप 4जीबी तक रैम इस्‍तेमाल कर सकते हैं जबकि 64 बिट के प्रोसेसर को डाटा प्रोसेस करने के लिये ज्‍यादा रैम की अावश्‍यकता होती है।

कैसे जानें कि अापके कंप्‍यूटर कितने बिट का है -

विंडोज xp या 7 में माय कंप्‍यूटर आयकन पर राइट क्लिक करें और प्रॉपर्टीज मेनू दबाएं। अब खुलने वाली स्क्रीन पर ऑपरेटिंग सिस्टम का सिस्टम टाइप देख्‍ािये। वहाॅ आपको पता चलेगा कि आपका सिस्‍टम 32 बिट का है या 64 बिट का।

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