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कई बार जब हम हमारे पेन ड्राइव को फॉर्मेट करते हैं तो वहां पर फाइल सिस्टम के कई ऑप्शन आते हैं और फाइल सिस्टम देखने के बाद आपने सोचा होगा कि यह क्या चीज होती है? मतलब फाइल सिस्टम अलग अलग क्यों होता है? यह कैसे इसके बीच में क्या अंतर है? और इस आर्टिकल में हम इसी चीज को Explain करेंगे कि यह फाइल सिस्टम क्या होता है? और इनके बीच में क्या क्या डिफरेंस है?
फाइल सिस्टम क्या होता है?
हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव को फाइल Manage करने के लिए एक स्टैंडर्ड को फोलो करना पड़ता है जिससे इस डिवाइस की सभी फाइल को आसानी से मेहनत किया जा सके. यह सिस्टम डिवाइस किसी डिस्क का पार्टीशन और फाइल को Manage करने का एक बेहतर है. और यह आपको हर प्रकार की डिस्क में देखने को मिलेगा चाहे वह किसी तरह की स्टोरेज सिस्टम हो जैसे CD, DVD, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क
आपने कंप्यूटर में या मोबाइल में अपने SD कार्ड में या पेन ड्राइव में डाटा स्टोर करते देखा होगा लेकिन कभी आपने सोचा है कि यह सब कैसे स्टोर होता है और और इनका फाइल सिस्टम अलग-अलग क्यों होता है? जब आप किसी कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में डाटा को स्टोर करते हैं तो वह अलग फाइल सिस्टम के हिसाब से स्टोर होता है.
जब किसी पेन ड्राइव में डाटा स्टोर करते हैं तो वह अलग फाइल सिस्टम के हिसाब से स्टोर होता है. जब आप किसी CD या DVD में कोई डाटा को स्टोर करते है तो उनके सिस्टम के हिसाब से स्टोर होता है. तो इस प्रकार है अलग-अलग फाइल सिस्टम बनाए गए हैं जिससे कि हमारे स्कूल के लिए फाइल को Manage किया जा सके.
फाइल सिस्टम के प्रकार
फाइल सिस्टम के अलग-अलग प्रकार हैं और इनमें से पॉपुलर कुछ भी System हैं जो की बहुत ज्यादा इस्तेमाल होते हैं. क्योंकि हम जानते हैं हमारे SD कार्ड और विंडो में FAT32 और NTFS इस्तेमाल करते हैं. इनमें से हम आपको नीचे बता रहे हैं जो की बहुत ही पॉपुलर फाइल सिस्टम है.
FAT ( FAT12, FAT16, FAT32)- Support DOS And Windows
NTFS – Support All Windows
EXT ( EXT2, EXT3, EXT4) – Support Linux Versions
FAT क्या है?
इस सिस्टम का पूरा नाम File Allocation Table सिस्टम है. यह फाइल सिस्टम Bill Gates और Mark MacDonald ने 1977 में साथ मिलकर बनाया था. धीरे धीरे इस सिस्टम में बहुत बदलाव किये गए है इसमें आप सिर्फ 4GB तक का डाटा स्टोर कर सकते है. उसके बाद धीरे-धीरे इस फाइल सिस्टम में बदलाव करते गए और उसके वर्शन को आगे बढ़ाते गए और वहां लगभग सभी सर्विस फाइलों को सपोर्ट करते हैं.
NTFS सिस्टम में क्या है?
इसका पूरा नाम New Technology File System है. इसको Microsoft और IBM मिलकर 1993 बनाया था.इसको सबसे पहले विंडो के NT सिस्टम में इस्तेमाल किया गया था.
NTFS और FAT फाइल सिस्टम में अंतर
FAT फाइल सिस्टम में जायदा से ज्यादा 4gb का स्टोर इस्तेमाल कर सकते है. लेकिन NTFS आप बड़ी फाइल भी स्टोर कर सकते है. फाइल साइज की कैपेसिटी पर है.
सबसे बड़ा अंतर Fault Tolerance का है इसका मतलब है कि FAT सिस्टम में File Allocation टेबल की दो कॉपी मेंटेन करता है और अगर किसी कारण से सिस्टम खराब करता हूं तो बैकअप को रिस्टोर किया जा सकता है. जबकि NTFS में ज्यादा Fault Intolerance होते है जिससे अब डिस्क में होने वाले बदलाव को मेंटेन कर सकते हैं और किसी दिन से अगर आपका फाइल सिस्टम खराब हो जाता है तो आप उसको ऑटो रिकॉर्ड करके अपने फाइल सिस्टम को रिपेयर कर सकते हैं.
FAT कम सिक्योर है NTFS से
तो अब आपको FAT और NTFS जानकारी हो गई होगी कि यह क्या चीज है? और क्यों जरूरी है? और हमने आपको दोनों फाइल सिस्टम के बारे में पूरा बताया है और इसके बारे में बीच में क्या क्या अंतर है जो की बहुत जब पॉपुलर फाइल सिस्टम है और अगर आपको उसके बारे में कुछ जानना है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं.
नमस्कार दोस्तों मैं सत्यम त्रिवेदी एक बार फिर से लेकर आया हूँ एक मजेदार ट्रिक्स
आप अपने मोबाईल को रखकर यदि भूल जाते है तो आप आसानी से अपने मोबाइल का पता लगा सकते है , चलिए जानते हैं
अब आपको अपना मोबाइल फोन ढूँढना बहुत ही आसान हो गया है. अगर आप अपना Android फोन कहीं रखकर भूल जाते है तो उसे ढुढ्ने के लिए आपको बहुत ही परेशानी होती है और सबसे ज्यादा समस्या तो तब होती है जब आपका फोन साइलेंट मोड पर हो या वाइबरेश्न पर हो तो, लेकिन अब ज्यादा परेशानी वाली बात नहीं है. हमने एक बहुत ही आसान सा तरीका ढूंढ निकाला है वो है एक एप्लीकेशन जिसके द्वारा आप अपने घर में फोन को कहीं रख कर भूल जाते है.
आपको अपना फोन ढूंढने पर भी नहीं मिलता है अब हम आपको दो तीन एप्लीकेशन के बारे में बताएगे आपको इन एप्लीकेशन में से एक एप्लीकेशन को अपने फोन में डाउनलोड करके उस एप्लीकेशन को अपने फोन में Install करना है.जिसके द्वारा आप अपने फोन को तालि बजाकर अपने गुम हुए Android फोन को बहुत ही आसानी से ढूंढ सकते है।
सिटी या ताली बजा कर अपना फ़ोन कैसे ढूंढे
ये एप्लीकेशन है Whistle Phone Finder इस एप्लीकेशन के द्वारा आप अपने फ़ोन को सीटी बजाकर ढूंढ सकते है.
सबसे पहले आपको प्ले स्टोर पर जाना होगा.
प्ले स्टोर में जाने के बाद में आपको Search बॉक्स में Whistle Phone Finder लिख कर Search करना है.
अब आपको Whistel Phone Finder पर टिक करना होगा.
उसके बाद में आपको Whistel Phone Finder Pro पर टिक करना होगा और उसके बाद में इस एप्लीकेशन को आपको डाउनलोड करना होगा.
इस एप्लीकेशन को मै खुद भी Use करता हूँ ये एप्लीकेशन एक बहुत ही बढिया है. इसकी 4 स्टार Rating Point भी मिले हुए है.
अब आपको इंस्टॉल पर टिक करना होगा उसके बाद में आपको Open पर टिक करना होगा.
Open पर टिक करने के बाद में ये एप्लीकेशन खुल जाएगी.
एप्लीकेशन ओपन होने के बाद में आपके सामने कई ऑप्शन खुल जाएगें.
इसके बाद में कुछ ऑप्शन पहले से ही टिक किये हुए है. उन ऑप्शनों में आपको कुछ नही करना होगा.
इसमें आपको Detect Whistle Only When Screen Is Off When Whistle Is Detected पर टिक करना होगा.
इसमें कई ऑप्शन पहले से ही टिक है जैसे Play Sound और Set Max Volume On Sound Play किये हुए है इनमे भी आपको कुछ नही करना है.
अगर आप चाहे तो आप इसमें फ़्लैश लाइट और वाइब्रेशन भी सलेक्ट कर सकते है इससे आपको रात में भी फ़ोन ढूंढने में आसानी होगी.
अब आपको इसके बाद में Detect Whistel Only When Screen Is Off When Whistel Is Detected पर टिक करना होगा.
अब आप यह सभी आप्शन सलेक्ट करने के बाद में Start बटन पर क्लिक करना है.
इस पर क्लिक करने के बाद में आपकी एप्लीकेशन शुरू हो जायेगी.
अब आप अपने फ़ोन को लॉक करके देखे. जब यह एप्लीकेशन आपकी तालियों की आवाज को सुनेगा और आपको अपने सलेक्ट किये गए आप्शन के अनुसार पता चल जाएगा की आपका फ़ोन आपने कहाँ रख कर भुल गये हो.
लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना होगा की आपका अपना फोन आपकी सीटी की आवाज को सुन सके तभी ये एप आपके मोबाईल फोन में काम करेगी. एक और खास बात यह है की यह एप Offline काम करेगी इसमें इटरनेट की कोई जरूरत नही होती है.
अगर आप अपने इस एप से कुछ और भी करना चाहते है जैसे आपको अपने फोन में फ़्लैश लाइट On करनी है तो आपको इसके लिए आपको इस एप में फ्लेशलाइट का ऑप्शन है उस पर आपको टिक करना होगा उसके बाद में आपके फोन की फ़्लैश लाइट On हो जाएगी और आपके फोन में फ़्लैश लाइट काम करने लगेगी.
अगर आप अपने फोन को Vibrate पर Select करेंगे तो आपका फोन Vibrate हो जाएगा.लेकिन आप Sound को भी ON रखें .
आपको अगर अपने इस एप के अन्दर कोई भी रिंगटोन सेट करनी है तो आप रिंगटोन भी सेट कर सकते है जो भी रिंगटोन आपको अच्छी लगे इसके लिए आपको Select Sound पर टिक करना है.
उपर दिए हुए सभी ऑप्शन को टिक करने के बाद में आपको अपने फ़ोन की एप में स्टार्ट पर टिक करके Enable करना होगा और Enable करने के बाद में आपके फ़ोन में ये एप काम करने लग जएगी.
अब आपको पता चल गया होगा की इस एप से अपने फोन को बहुत ही आसानी से ढूंढ सकते है अब आप अपने फोन को कहीं भी रख कर कर सीटी बजाकर आसानी से ढूंढ सकते है.
अगर आप सीटी बजाकर अपने फोन को नही ढूँढना चाहते है तो और भी कई ऐसे आसान तरीके है. जिसके जरीए आप अपने मोबाईल फोन को ढूँढ सकते है. अब हम आपको एक और एप्लीकेशन के बारे में बतातें हैं .
CLAP TO FIND
इस एप का नाम CLAP TO FIND है इस एप से भी आप ताली बजाकर अपने फोन को ढूँढ सकते है.
यह एक ऐसा एप जिसे की अगर आप अपना फोन को कही रखकर भुल गये हो तो अगर आपके फोन में CLAP TO FIND एप इनस्टॉल किया हुआ है तो आपका फोन कहीं भी रखा होगा जहाँ तक आपकी ताली की आवाज सुनाई देती है तो आपके फोन रिंग बजने लग जायेगी और आपको बहुत ही आसानी से पता चल जाएगा की आपका फोन कहाँ है.
इस एप में एक ख़ास बात यह भी है की ये एप बिना इन्टरनेट के भी काम करेगा जिससे की आपका नेट भी खर्च नही होगा .
आपको मेने ऊपर वाली एप्लीकेशन में भी बता दिया है की आपको इस एप को कैसे Download करके इनस्टॉल करना है. जिस प्रकार से आपने पहले वाले एप को Download करके इनस्टॉल किया था उसी प्रकार से इसी एप को आपको Download करके इनस्टॉल करना है.
अब आपको एक और एप के बारे में बताते हैं RING MY DROID AAP यह एक ऐसा एप है अगर आप अपने फोन को Silent Mod पर भी रख कर भूल जाए तो आप अपने फोन को आसानी से ढूँढ सकते है क्योकि आप अपने फोन को Silent मोड़ में भी Ring Mod पर कर सकते है.
इसके लिए आपको अपने फोन में एक Text Message करना होगा.यह Text Message आपको इस एप को इनस्टॉल करते समय करना होगा.
जब आप अपने फोन को Silent Mod पर हो और कहीं गुम हो जाए तो आपको Text Message करना होगा लेकिन Text Message में वह लाइन होनी चाहिए जो आपने अपने फोन में RING MY DROID APP एप को Setup करते समय लिखी है वही लाइन होगी तभी आपका फोन में वह एप काम करेगी और आपके फोन में Silent Mod में भी Ring बजने लगेगी.
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1. Daily Use Me Aane Wala Computer Mouse Sabse Pahle Wood Ka Banaya Gaya Tha.
2. Every Month Lagbhag 5000 Computer Virus Banaye Jate Hai.
3. Ab Tak Lagbhag 17 Billion Devices Me Internet Istemal Kiya Ja Chuka Hai.
4. World Ki Pahli Hard Disk Me Sirf 5 MB Data Store Kiya Ja Sakta Tha.
5. Computer Screen Me Dikhne Wale Sabhi Visual Sirf 3 Color Red, Green, Blue Se Milkar Bane Hote Hai.
6. Duniya Ka Pahla Computer Monitor Ka Istemal Pahli Baar 1980 Me Kiya Gaya Tha.
7. Duniya Ke Pahle Computer Ka Keyboard Ka Aavishkar 1968 Me Kiya Gaya Tha.
8. CD, DVD Or Pen Drive Se Pahle Bahari Data Ka Aadan Pardan Karne Ke Liye Floppy Disk Ka Istemal Kiya Jata Tha.
9. Pahla Floppy Disk Ka Aavishkar 1970 Me Huaa Tha. Jiski Store Capacity Sirf 75.79 KB Thi.
10. Duniya Me Sabse Jyada Istemal Kiya Jane Wala USB Hardware Pen Drive 1999 Me Samne Aaya Tha. Lekin Market Me Ise 2000 Me Utara Gaya Tha. Us Time Iski Storage Capacity Sirf 8 MB Thi.
11 . Aap Apne Computer Par Koi File Banakar Use ” Con ” Name Se Save Nahi Kar Sakte. Kyonki Ye Keyboard Computer Me Protected Hota Hai.
12 . Sabse Pahli Ram (Random Access Memory) Ki Store Karne Ki Capacity Sirf 46 KB Hi Thi.
13 . Internet Par Available Sari Jankari Ka 80 % English Language Me Hai.
14 . Jab CD , DVD Or Pen Drive Nahi Tha. Tab Data Ko Ek Computer Se Dusre Computer Me Bhejne Ke Liye Floppy Disk Ka Istemal Kiya Jata Tha.
15 . Ek Baar 15 Saal Ke Bachhe Ne Sabse Badi Space Organization NASA Ki Website Ko Hack Kar Liya Tha. Jiske Karan 21 Din Tak NASA Ka Kaam Band Ho Gaya Tha.
16 . 1956 Me IBM Ne Ek Hard Disk Banai Jiska Name 305 RAMAC Tha. Iska Weight To Tons Metha. Lekin Ye Sirf 5 Mb Tak Hi Data Store Kar Sakta Tha.
17 . Computer Bahut Hi Fast Hota Hai. Ye Lagbhag 38 Thousand Trillion Operation Ek Second Me Kr Sakta Hai.
18 . Ham Jo Keyboard Ka Istemal Karte Hai. WO QWERTY Keyboard Hota Hai. Iska Name Isliye Asa Hai. Kyonki Keyboard Ki Pahli Line Ke Shuru Ke Alphabet QWERTY Hota Hai.
19 DOS (Disk Operating System) Computer Ke Hardware Ko Software Se Interface Karne Me Help Karta Hai.
20 . Aaj Ke Youg Ke Frame Digital Computer Ki Capacity 10-20 MIPS Hai.
Is Post Me Aapko Bataya Gaya Ki Computer Kisne Banaya Name , Bharat Me Computer Kab Aaya, Computer Ki Khoj Kab Hui Agar Aapko Post Achee Lage To Share Karn Na Bhule.