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Thursday, February 15, 2018

Barcode क्या है इसका आविष्कार किसने किया

Barcode क्या है इसका आविष्कार किसने किया


             Barcode क्या है इसका आविष्कार किसने किया
कई बार जब हम समान लेते हैं तो हमारे सामने किसी भी तरह के पैकेट के ऊपर या किसी और अन्य समान के ऊपर हमें काली काली पतली पतली लाइन दिखाई देती है और उन लाइनों के नीचे गणित के अंकों में कुछ लिखे होते हैं हालाँकि वे गणित के अंक लाइन के हिसाब से तो नहीं होते हैं लेकिन उनके नीचे जरूर लिखे हुए मिलते हैं और कई बार हम उनके बारे में गहराई से सोचने लगते हैं कि आखिर यह चीज है क्या लेकिन हमें पता नहीं चलता की ये चीज क्या होती है और फिर भी हम उसे जानने की कोशिश जरूर करते हैं लेकिन शायद आप यह बात कभी जान भी नहीं पाए होंगे कि यह चीज क्या होती है और यह लगभग सभी समान के ऊपर बनी होती है.
तो आज हम आपको इस पोस्ट के अंदर उन्हीं काली लाइनों के बारे में बताएंगे कि आखिर भी काली लाइनें क्या होती है और उनका क्या काम होता है हम आपको बता दें कि उन काली लाइनों को Barcode  कहा जाता है और वह काली लाइने कोई सीधी या सिंपल लाइने नहीं होती क्योंकि वह एक कोड होता है जिसे हम सिर्फ काली लाइन हीं समझते हैं लेकिन वे मशीनों द्वारा समान के ऊपर लगाया गया कोड होता है और उससे सामान की क्वांटिटी का भी पता चलता है तो Barcode  क्या है Barcode  का क्या काम है और Barcode  का आविष्कार किस तरह किया गया इस तरह की जानकारी आज हम आपको इस पोस्ट में नीचे बता रहे हैं यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि शायद आप इस तरह की जानकारी कभी ना जान पाए हो और ना ही आप इस तरह की जानकारी कभी सुनने को मिली होगी तो आप नीचे दी गई हमारी Barcode  के अविष्कार के बारे में जानकारी ध्यान से पढ़िए.

Barcode क्या है

अगर हम सीधी भाषा में आपको बताएं Barcode किसे कहते हैं तो Barcode मशीनों के द्वारा समान के ऊपर लगाया जाता जो कि गणित के कुछ अंकों और उस काली पतली लाइनों के अंदर छुपा होता है .और उन काली लाइनों और नंबर के रूप में ही वह कोड होता है और यह सामान के पीछे की तरफ लिखा हुआ या छपा हुआ होता है. और यह किसी भी बिजनेस के लिए बहुत ही ज्यादा मददगार साबित होता है क्योंकि इससे किसी भी तरह की समान में दिक्कत नहीं होती है बड़ी-बड़ी कंपनियों में किसी भी तरह के प्रोडक्ट को ट्रैक करने के लिए इस कोड का इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि इससे कंपनी के अंदर जो माल बन रहा है. उसके रेट और जो कंपनी में Stocks Level है. उसके बारे में बहुत ही आसानी से पता चल जाता है और इससे कंपनी को बहुत फायदा होता है. इसलिए यह कोड कंपनियां अपने सामान के ऊपर लगती है.और इस कोड का इस्तेमाल करके कंपनी अपनी उत्पादकता और दक्षता को बढ़ा सकती है.
और ये काली लाइन बस और कुछ नहीं होती सिर्फ यह एक कोड ही होता है जो कि समान के ऊपर लगा होता है और इस कोड को मशीनों द्वारा लगाया जाता है और कंपनी अपने कोड स्कैनर द्वारा देखकर अपने प्रोडक्ट को पहचान लेती है और उसके अंदर किसी तरह की गलती होने की भी चांस कम होते हैं वह जो कोड के अंदर डाटा होता है उसे कंप्यूटर में भी आसानी से डाला जा सकता है.

Barcode का आविष्कार किसने किया

बारकोड के आविष्कार से पहले 1890 में पंच कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था और पंचकार्ड और पंचकार्ड से प्रोडक्ट का ट्रैक रख पाना बहुत मुश्किल था 1948 में एक सुपर मार्के Exactive Drexel University में आकर College Dean से बात रहे थे की अगर प्रोडक्ट का कोड सिस्टम होता तो ट्रैक करने में बहुत आसानी होती. और इन दोनों को बात करते हुए Joseph Woodland सुन लिए और उन्होंने अपने दोस्त Bernard Silver को कहा कि हमें इस चीज का समाधान ढूंढना चाहिए.
और इन दोनों ने मिलकर Ultraviolet Inc. का इस्तेमाल करके कोड बनाना चाहा लेकिन यह बहुत ज्यादा महंगा था और बहुत जल्द ही मिट जाता और Joseph Woodland ने सोचा कि यह आविष्कार आगे जाकर बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है इसलिए Drexel University के अपनी जॉब को छोड़ कर उन्होंने Barcode Concept के ऊपर काम करना शुरु कर दिया Joseph Woodland  Morse Code का Concept ले कर Barcode को बनाना शुरू किया. Morse Code में डॉट और डैश का इस्तेमाल किया जाता है और एक दिन Joseph Woodland  के समुन्द्र किनारे पर बैठे हुए थे.और उन्होंने अपने उंगलियों से कुछ लकीरें बना दी और उसी समय उनके दिमाग में यह तरीका आया कि Morse Code में से डॉट और डैश को हटाकर पतली और मोटी लाइन्स का इस्तेमाल करके कोड बनाया जा सकता है Joseph Woodlandऔर Bernard Silver ने मिलकर 1949 में Classifying Apparatus And Method के नाम से पेटेंट दर्ज करवाया इस पेशेंट को 1952 इशू किया गया जो कि Shirking Shape में Bulls Eye जैसा था.
1951 में Joseph Woodland  IBM कंपनी को बारकोड स्कैन करने वाली टेक्नोलॉजी डेवलप करने को कहा लेकिन उस समय टेक्नोलॉजी नहीं थी इसलिए IBM बारकोड स्कैनर को बना नहीं पाए 1960 में लेजर के आविष्कार के बाद Joseph Woodland IBM कंपनी के साथ मिलकर बारकोड स्केनर को बनाना शुरू किया इसी समय में 1963 में 38 साल की उम्र के Bernard Silve की मृत्यु हो गयी.
1962 में Woodland ने अपने आविष्कार का पेटेंट 15000 डॉलर में Philco कंपनी को बेच दिया इसी साल के अंदर Philco कंपनी ने रेडियो कॉर्पोरेशन ऑफ अमेरिका (RCA) को बेच दिया 1967 में नेशनल एसोसिएशन ऑफ फूड चेंज (NAFC) ने पहली बार बारकोड को टेस्ट किया उस समय में बारकोड को मैन्युअली प्रोडक्ट के ऊपर लगाया जाता था. इसी साल में Association Of American Railroads (AAR) में बारकोड को Railroad Car के पहचान के लिए Blue और Red Color से बनाया गया और Car ट्रक सिस्टम को इस्तेमाल किया. जो की इस्तना सफल नहीं रहा. 1971 में IBM के एंप्लॉय जॉर्ज जे लौरेर ने Rectangle Barcode को बनाया. सबसे पहले 1974 में एक च्विंगम के पैकेट के ऊपर  बारकोड को स्कैनर किया गया और यादगार के तौर पर इस पैकेट को आज भी नेशनल म्यूजियम ऑफ अमेरिकन हिस्ट्री में रखा गया है. और लोग उसको देखते भी है.

एंटीवायरस क्या होता है

एंटीवायरस आविष्कार किसने किया – Who Invented Antivirus In Hindi

एंटीवायरस आविष्कार किसने किया – Who Invented Antivirus In Hindi
आज हम आपको एक ऐसी रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे यह जानकारी आपके लिए बहुत ही आवश्यक है शायद आप अपने इस तरह की जानकारी पहले नहीं सुनी होगी ना ही देखी होगी क्योंकि इस जानकारी से हमें लगभग हर रोज रूबरू होना पड़ता है क्योंकि यह एक ऐसी चीज है जो कि हमारे आम जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण होती है. हम बात कर रहे हैं एंटीवायरस सॉफ्टवेयर कि हमने आपको इससे पहले एक पोस्ट में कंप्यूटर वायरस के बारे में बताया था और कंप्यूटर वायरस का आविष्कार किस तरह किया गया और क्यों किया गया उनके बारे में बताया था  अब हम आपको एंटीवायरस के बारे में बताएंगे एंटीवायरस क्या होता है इसका आविष्कार किस लिए किया गया.

एंटीवायरस क्या होता है

क्योंकि यदि एंटीवायरस का आविष्कार नहीं किया जाता है तो शायद आज के समय के लैपटॉप और कंप्यूटर इतने तेजी से चलने वाले नहीं होते क्योंकि एंटीवायरस के आने से कंप्यूटर और लैपटॉप के सभी वायरस को बहुत ही तेजी से साफ कर दिया गया और इस को कंप्यूटर और लैपटॉप में डालने के बाद  जब हम हमारे कंप्यूटर में या लैपटॉप में जब हम किसी भी तरह की साइट या कुछ ऐसी चीज ओपन करते हैं जिसमें की वायरस होते हैं. तो हमें डर नहीं रहता.  क्योंकि उस समय में हमारे कंप्यूटर की सुरक्षा एंटीवायरस करता है क्योंकि इंटरनेट पर कई वेबसाइटों के ऊपर बहुत ज्यादा वायरस होता है जो कि हमारे कंप्यूटर या लैपटॉप में से हमारी जानकारी या हमारे डाटा को वायरस चुरा सकता है और इससे हमें बहुत बड़ी दिक्कत भी हो सकती है
वह हमारे कंप्यूटर में इतनी तेजी से फैलता है इसका कोई अंदाजा नहीं है और हमारे कंप्यूटर खराब होने का भी डर रहता है क्योंकि यह वायरस खतरनाक होते हैं कि कुछ ही समय में हमारे लैपटॉप या कंप्यूटर को खत्म कर सकते हैं  वायरस हमारे कंप्यूटर में सीधा यूआरएल, स्पैम, घोटालों और फिशिंग हमलों में ब्राउज़र सहायक ऑब्जेक्ट (बीएचओ), ब्राउज़र अपहर्ताओं, रैनसमवेयर, कीलॉगर्स, बैकडोडोर, रूटरकिट, ट्रोजन हॉर्स, वर्म्स, एलएसपी, डायलर, फ्रॉड, एडवेयर और स्पाइवेयर , ऑनलाइन पहचान ,गोपनीयता , ऑनलाइन बैंकिंग, सामाजिक इंजीनियरिंग तकनीक, आदि चीजों में दिक्कत करता है और यह हमारे कोमुटर की स्पीड को कम कर देते हैं और कई बार यह हमारे कंप्यूटर  खत्म भी कर देते हैं. तो इनसे बचने के लिए एंटीवायरस का अविष्कार हुआ था .
एंटीवायरस एक ऐसी चीज होती है जो कि हमारे कंप्यूटर के अंदर वायरस को डिलीट करके हमारे कंप्यूटर की रक्षा करता है और जो वायरस हमारे कंप्यूटर के अंदर आते हैं उनको डिलीट कर देता है. और आज भी एंटीवायरस बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है तो हम आपको आज इस पोस्ट में एंटीवायरस के आविष्कार और उस का आविष्कार सबसे पहले किसने किया उसके बारे में जानकारी नीचे दे रहे हैं आप इस जानकारी को अच्छी तरह से और ध्यान से पढ़ें क्योंकि आपके लिए यह जानकारी बहुत जरूरी है.

एंटीवायरस से संबंधित जानकारी

एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का नाम:- Avast , MCAfee , Norton , AVG
एंटीवायरस फ्री डाउनलोड :- Free Download Anti-Virus
एंटीवायरस एप्स :- Clean Master– Space Cleaner & Antivirus , AVG AntiVirus For Android 2018 , 360 Security – Free Antivirus,Booster,Space Cleaner , Avast Antivirus 2018 , Kaspersky Mobile Antivirus: AppLock & Web Security  , Antivirus Free – Virus Cleaner – NQ Security Lab.

एंटीवायरस का आविष्कार

कंप्यूटर के आने से हमारे जीवन में बहुत काम आसान हुए हैं और कंप्यूटर के आने से हमें इतना ज्यादा काम भी नहीं करना पड़ता कुछ ही पल में हम बहुत सारा काम कर सकते हैं लेकिन कई बार इसी तरह का काम करते हुए हमारे सामने बहुत बड़ी दिक्कत आ जाती है क्योंकि कई बार हमारे सामने इतने ज्यादा वायरस हमारे कंप्यूटर में आ जाते हैं जो कि हमारी सभी जानकारी को चुरा सकता है और हमारे कंप्यूटर को खत्म कर सकता है इसलिए एंटीवायरस हमारे कंप्यूटर में होना बहुत ही जरूरी है .
क्योंकि यह सभी तरह की सुरक्षा प्रदान करता है. तो  जब इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा तो उसके बाद हमारे कंप्यूटर में वायरस का खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया 1983 में कंप्यूटर के साइंटिस्ट Fred Cohen पहली बार कंप्यूटर वायरस का इस्तेमाल किया था और 1987 में Fred Cohen ने कहा कि इस तरह का एंटीवायरस बनाना नामुमकिन है. जो कि सभी तरह के वायरस को और डिलीट कर सके 1971 में Creeper Virus को बनाया गया था और उस वायरस को डिलीट करने के लिए Raper Program को बनाया गया था जो कि खुद एक वायरस था यहां से एंटीवायरस बनाने का Concept शुरू हुआ था कुछ लोगों का मानना यह है कि एंटीवायरस बनाने वाली कंपनी खुद वायरस को बनाती है और  इस वायरस को डिलीट करने के लिए खुद एंटीवायरस को तैयार करती है.
पहला कंप्यूटर वायरस मस्तिष्क वायरस के रूप में जाना जाता था. और 1986 में पाकिस्तान में बनाया गया था। ब्रेन एक बूट सेक्टर वायरस था और केवल 360k फ्लॉपी डिस्क संक्रमित था।1986 में IBM PC के लिए ब्रेन वायरस को बनाया गया था यह वायरस दुनियाभर में फैल गया था इस वायरस के बाद 1980 में बहुत सारे प्रोग्रामर कंप्यूटर वायरस को लिखना शुरू किया था. उस समय में कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर को इतना ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते थे या कंप्यूटर को खत्म नहीं करते थे.
लेकिन जैसे-जैसे समय बीता वैसे आगे ऐसे बहुत से कंप्यूटर वायरस बनाए गए जो कि कंप्यूटर को बहुत ही जल्दी खत्म कर देते थे या कंप्यूटर मैं बहुत जल्दी डाटा चुरा लेते थे 1987 में Bernd Fix ने , Vienna  वायरस के लिए  केलिए एंटीवायरस बनाया लेकिन कुछ लोग Bernd Fix को नहीं मानते हैं. एंटीवायरस को बनाए जाने के बाद बहुत से ऐसे कंप्यूटर यूजर्स को इससे फायदा में मिला जोकि अपने कंप्यूटर में वायरस आने के कारण परेशान थे और वह उसका हल ढूंढ रहे थे और लेकिन सबसे ज्यादा राहत उन्हें तब मिली जब 1991 में नॉर्टन एंटीवायरस आया. फिर  इसी तरह G Data Software, Ultimate Virus Killer को बनाया गया था
यहां से एंटीवायरस बनाने की शुरुआत की गई और उसके बाद बहुत से बढ़िया बढ़िया एंटीवायरस से बढ़िया बढ़िया कंपनियों द्वारा तैयार किए जाने लगे और आज के समय में बहुत ही अच्छे अच्छे एंटीवायरस आपको मिल सकते हैं
तो आज हमने आपको इस पोस्ट में कंप्यूटर वायरस से लड़ने के लिए बनाए गए एंटीवायरस के आविष्कार एंटीवायरस सॉफ्टवेयर
एंटीवायरस फ्री डाउनलोड एंटीवायरस एप्स  एंटीवायरस क्या है एंटीवायरस क्लीनर  एंटीवायरस के प्रकार  एंटीवायरस डाउनलोड 2018 एंटीवायरस ऐप  एंटीवायरस डाउनलोडिंग  एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का नाम के बारे में बताया और उसके बारे में बहुत सी और भी जानकारी दी और हमारे द्वारा बताई गई यह जानकारी आपको बहुत अच्छी लगी होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.

फ़ोन का पासवर्ड भुल जाये तो क्या करे

फ़ोन का पासवर्ड भुल जाये तो क्या करे

 अपने फोन का पासवर्ड भूल गए हैं तो उसे बहुत ही आसानी से हटा सकते हैं. आपको लगता है की आप अपना पासवर्ड भूल सकते है या कभी फ्यूचर में भूल जाये तो आप कैसे अपने फ़ोन के अनलॉक कर सकते है. बिना पासवर्ड के भी हम अपने एंड्राइड मोबाइल को अनलॉक कर सकते है .उसके लिए आपको कुछ सिंपल स्टेप्स करने की जरूरत है.

अगर आप फ़ोन का पासवर्ड भूल गए है तो इसके  लिए आपको सर्विस सेंटर जाने की जरूरत नहीं ये आप घर बैठ भी कर सकते है . और तीसरा तरीका हर समय काम नहीं करता क्योंकि इसके लिए इंटरनेट की जरूरत पड़ती है .

1st # Internet Se Unlock Phone

इस पोस्ट में आपको Android मोबाइल के बारे में बताया जाएगा कि कैसे आप Android में अपने फोन का पासवर्ड रीसेट कर सकते हैं जैसा कि हम सब जानते हैं एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल कंपनी द्वारा बनाया गया है तो अगर आपकी फोन पर लॉक लग जाता है और आप उसे भूल जाते हैं तो आप अपने Google के अकाउंट से भी उसे रीसेट कर सकते हैं इसके लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना है.लेकिन इसके लिए आपके मोबाइल में इंटरनेट शुरू होना चाहिए और आपके मोबाइल में आपका Google अकाउंट लॉगिन होना चाहिए या यूं कहें कि आपकी Gmail ID लॉगिन होनी चाहिए तभी आप नीचे दिए गए तरीके को अपना सकते हैं .
  • सबसे पहले  Android Device Manager पर जाये
  • अब उस ईमेल ID से लाग इन करे जिस ईमेल ईद से आप अपने फ़ोन के गूगल प्ले स्टोर में लोगिन होते है .
  • अब आपके सामने 3 ऑप्शन आएंगे .
Phone Ka Password Bhul Jaye To Kya Kare
  • वंहा आपको लॉक के ऑप्शन पर क्लिक करना है.
  • अब नई पॉप विंडो आएगी वंहा आपके सामने 4 ब्लेंक बॉक्स होंगे शुरू के 2 में आपको न्यू पासवर्ड भरना है और बाकि 2 को खाली छोड़ दे और लॉक पर क्लिक करे.
  • अब आप अपना मोबाइल न्यू पासवर्ड के साथ अनलॉक कर सकते है .
ऊपर बताया गया तरीका आपके फोन गए लिए बहुत ही सुरक्षित है जिससे कि आपके फोन के डाटा को बिना नुकसान पहुंचाए आप अपने फोन का पासवर्ड हटा सकते हैं लेकिन अगर आपके लिए ऊपर वाला तरीका काम नहीं करता तो इसके लिए आपको नीचे दिया गया तरीका इस्तेमाल करना होगा .

2nd # Wipe Factory Or Factory Reset

यह तरीका थोड़ा सा मुश्किल है और इसमें आप अपने फोन का सारा डाटा खो देंगे इस तरीके का इस्तेमाल आपके फोन के डाटा को डिलीट करेगा और आपका फोन बिल्कुल एक नए मोबाइल की तरह शुरू हो जाएगा. तो अगर आप अपने मोबाइल का सारा डाटा डिलीट कर सकते हैं तो आप नीचे दिया गया तरीका अपनाएं और अपने फोन के पासवर्ड को हटाए .
  • सबसे पहले अपने एंड्राइड मोबाइल को स्विच ऑफ करदे.
  • अब हमें इसके रिकवरी मोड में जाना जंहा से हम इसे रिसेट करेंगे .
  • रिकवरी मोड हमारे फ़ोन को अपग्रेड करने के काम भी आता है
  • अब अपने मोबाइल में  “Power Key + Home + Volume Down Key” ये तीनो बटन एक साथ दबाने है .
  • अब आपके सामने कुछ आप्शन आएंगे उन ऑप्शन को आप वॉल्यूम की उप और डाउन से सेलेक्ट करेंगे .
  • अब वंहा आपको “Wipe Factory Ya Reset Factory” का ऑप्शन सेलेक्ट करके पावर Key दबाना है .और Yes कर देना है
  • आपका मोबाइल थोड़ी देर बाद आपने आप रिबूट हो जायेगा .
  • आपका मोबाइल बिलकुल नए मोबाइल की तरह शुरू होगा सारी  सेटिंग आपको दुबारा करनी पड़ेगी .
कुछ मोबाइल में आपको इसकी जगह रीसेट का भी ऑप्शन मिल सकता है जिससे कि आपका मोबाइल रीसेट होगा और आपको फिर से अपने फोन में सभी एप्लीकेशन गेम कांटेक्ट और अकाउंट लॉगिन करने होंगे.
Note :- इस से आपका मोबाइल का सारा डेटा डिलीट हो जायेगा , सिर्फ मेमोरी कार्ड का डाटा बचेगा.Reset करने से पहले आपका मोबाइल काम से काम 60 % चार्ज होना चाहिए.सभी मोबाइल में रिसेट फैक्ट्री का ऑप्शन अलग होता है , ये आपको देखना होगा की आपके मोबाइल में किस ऑप्शन से फ़ोन रिसेट होगा.

3rd # Remove Screen/PIN Password Without Losing Any Data

यदि आपके पास Google अकाउंट नहीं है और आप आपके फ़ोन का पासवर्ड भूल गये है और आप अपना डाटा भी सेफ रखना चाहते है तो आपको Android Data Recovery का उपयोग करना चाहिए  इस से आप कुछ मिनटों में पिन / पैटर्न / फिंगर प्रिंट का पासवर्ड निकाल सकते हैं आप इसका इस्तेमाल आसानी से कर सकते है |
Step 1 :  सबसे पहले एक कंप्यूटर पर प्रोग्राम डाउनलोड और इंस्टॉल करें  उसके बाद उसे ओपन करे |
Step 2 :  सोफ्टवेयर ओपन करने के बाद आप अपने फ़ोन को USB केबल से कंप्यूटर से कनेक्ट करे.
Step 3 :अपने एंड्रॉइड फोन को कनेक्ट करने के बाद डाउनलोड मोड में लें जाये और उसके बाद डिस्प्ले पर दिए गये  Instructions को फॉलो करे .
Step 4;-  “Start” बटन पर क्लिक करे उसके बाद फ़ोन डाउनलोड मोड में चला जायेगा उसके बाद आपका डाटा रिकवरी होना स्टार्ट हो जायेगा |
और इस प्रकार आप इस सॉफ्टवेयर की मदद से अपने फोन के पासवर्ड को हटा सकते हैं. यह सॉफ्टवेयर फ्री में सिर्फ आपको ट्रायल वर्जन ही मिलेगा इसका पूरी तरह से इस्तेमाल करने के लिए आपको कुछ पैसे देने पड़ेंगे. जो कि आपको इसकी वेबसाइट पर बताया जाएगा अगर आप यह सॉफ्टवेयर पैसे देकर नहीं लेना चाहते .तो आपको नंबर दो पर बताया गया तरीका अपनाना होगा और अपने फोन को रिसेट करना होगा तभी आप अपने मोबाइल का पासवर्ड हटा सकते हैं .


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