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VIRUS Full Form in Hindi - वायरस क्या है
इस English शब्द VIRUS का full form या पूरा नाम "Vital Information Resources Under Seize" होता है जिसका meaning in hindi अथवा हिंदी मतलब "महत्वपूर्ण सूचना संसाधन के तहत जब्त" होता है? आइये अब आपको इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं.
इस लेख में हम Bit और Bytes को विस्तार से समझेंगे यह क्या है और क्यों है, (Bit and Bytes Introduction in Hindi) Computer Hardware को बहुत ही स्पष्ट रूप से समझने के लिए यह आवश्यक है की आप इसकी मूल ईकाई के बारे में जाने ! कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाली सभी तरह की मेमोरी का-आधार बाइट (Byte) होती है. यदि इसे हम साधारण शब्दों में समझना चाहें तो कह सकते है की एक अक्षर एक बाइट के बराबर होती है. मतलब जब आप कीबोर्ड से अंग्रेज़ी भाषा के ए अक्षर को दबाते है तो वह मेमोरी में एक बाइट जगह इस्तेमाल करता हैअब हम इसको और विस्तार से जानते है, एस अनहि है की एक अक्षर जैसा हमें दिखाई देता है वैसा ही वह एक बाइट में समाहित रहता है ! किसी भी तरह का डाटा यदि एक बाइट जगह लेता है तो वह आठ भागों में बंटकर एक बाइट के अन्दर जाता है ! यह भी जरुरी नहीं है की वह हमेशां आठ बाइट में ही विभाजित हो ऐसा भी हो सकता है वह सात भागों में बटें ! लेकिन आठ भाग इसकी सीमा है यानि की यह आठ टुकडो से ज्यादा में नहीं बंट सकता हाँ कम में जरुर रह सकता है, इन आठ टुकड़ों को बिट के नाम से जाना जाता है और यह आठ बिट मिलकर एक बिट का निर्माण करते है, चूँकि आठ बिट मिलकर एक बाइट बनाती है और एक बाइट सम्पूर्ण अक्षर को अपने में समाहित करके दर्शाने में सक्षम है ! इसलिए कंप्यूटर की मेमोरी की गणना हमेशा बाइट को ही आधार बनाकर की जाती है आप निचे दी हुई टेबल में मेमोरी के इन रूपों को समझ सकते है.
K : Kilo : 10 घात 3 : 1000
Ki : Kibi : 2 घात 10 : 1024
M : Mega : 10 घात 6 : 1,000,000
Mi : Mebi : 2 घात 20 : 1,048,576
G : Giga : 10 घात 9 : 1,000,000,000
Gi : Gibi : 2 घात 10 : 1,073,741,824
T : Tera : 10 घात 12 : 1,000,000,000,000
Ti : Tebi : 2 घात 40 : 1,099,511,627,776
P : Peta : 10 घात 15 : 1,000,000,000,000,000
Pi : Pebi : 2 घात 50 1,125,899,906,842,624
सामान्य रूप में मेमोरी के मान को बाइनरी मान के अनुसार ही प्रदर्शित किया जाता है ! लेकिन डिस्क की क्षमता के संदर्भ में दूसरा रास्ता अपनाते है.
इस लेख में आप सीडी और डीवीडी (CD and DVD) की पूरी जानकारी विस्तार से पढेंगे, जैसे: कब और किसने बनाई, कौनसी तकीनीकी पर आधारित है, कैसे कार्य करती है आदि-आदि तो चलिए शुरू करते है सबसे पहले हम सीडी के बारे में जानते है.
(Difference between CD and DVD):जहाँ तक तकीनीकी का सवाल है डीवीडी और सीडी की तकीनीकी में कोई खास अंतर नहीं है, दोनों का आकार 120mm डाया मीटर में ही होता है और दोनों का निर्माण पॉलि कार्बोनेट बेस पर ही आधारित है. मुख्य अंतर यह है की जहाँ सीडी केवल एक लेयर का इस्तेमाल करती है वहीँ डीवीडी में दो लेयर होती है ! जिसकी वजह से इसकी क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
इसके अतरिक्त डीवीडी Higher density recording और Reading के लिए लेज़र की सॉर्ट वेब का इस्तेमाल करती है !जिसकी वजह से इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में डाटा स्टोर हो सकता है ! वहीँ पर सामान्य सीडी केवल सिंगल साइड होती है केवल एक लेयर का इस्तेमाल करके डाटा स्टोरेज के लिए प्रयोग करती है.
What is Virus in Hindi - वायरस क्या है?
एक Computer Virus एक computer program या कोड का एक टुकड़ा है जो आपके कंप्यूटर पर आपकी अनुमति के बिना load हो जाता है और आपकी सहमति के खिलाफ चलाया जाता है ! वायरस के पास खुद को दोहराने और खुद को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैलाने की क्षमता होती है ! यह data files, hard drive आदि के boot sector को प्रभावित कर सकता है ! जब इसकी प्रतिकृति सफल होती है तब प्रभावित क्षेत्र संक्रमित कहा जाता है.
Virus एक human made programs है जो आम तौर पर उपयोगकर्ता की स्क्रीन पर राजनीतिक और विनोदी संदेशों को प्रदर्शित करने के लिए private information, corrupt data तक पहुंचने के लिए लिखते हैं ! वे स्वयं को मेजबान कार्यक्रमों में शामिल करते हैं और संक्रमित कार्यक्रमों के निष्पादन पर फैलते हैं ! कंप्यूटर वायरस हर साल अरबों डॉलर के नुकसान का कारण बनता है ! Microsoft windows चलाने वाले अधिकांश वायरस के लिए लक्ष्य बनाये जाते है ! वायरस से निपटने के लिए एंटी-वायरस प्रोग्राम का उपयोग किया जाता है.
2) कुछ प्रोग्राम दूषित या दोषपूर्ण बना सकते हैं
3) कंप्यूटर के बूट सेक्टर को नुकसान पहुंचा सकता है
4) अपने कंप्यूटर की जानकारी चोरी कर सकते हैं और इसे किसी अन्य व्यक्ति को भेज सकते हैं
5) अपना पूरा हार्ड ड्राइव हटा सकते हैं
6) अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर अप्रासंगिक और कष्टप्रद संदेश प्रदर्शित कर सकते हैं
7) आपके कंप्यूटर की पावर रेटिंग बदल सकती है जो विस्फोट का कारण बन सकती है
Boot sector viruses
Program viruses
Multipartite viruses
Stealth viruses
Macro viruses
Polymorphic viruses
Active X viruses
Browser hijacker
Resident viruses
File infector viruses
Malwares की सूची जिन्हें आम तौर पर कंप्यूटर वायरस के रूप में वर्गीकृत किया जाता है:
Computer Worms
Trojan horse
Spam virus
Spyware
Zombies
Virus एक human made programs है जो आम तौर पर उपयोगकर्ता की स्क्रीन पर राजनीतिक और विनोदी संदेशों को प्रदर्शित करने के लिए private information, corrupt data तक पहुंचने के लिए लिखते हैं ! वे स्वयं को मेजबान कार्यक्रमों में शामिल करते हैं और संक्रमित कार्यक्रमों के निष्पादन पर फैलते हैं ! कंप्यूटर वायरस हर साल अरबों डॉलर के नुकसान का कारण बनता है ! Microsoft windows चलाने वाले अधिकांश वायरस के लिए लक्ष्य बनाये जाते है ! वायरस से निपटने के लिए एंटी-वायरस प्रोग्राम का उपयोग किया जाता है.
कुछ कंप्यूटर वायरस के हानिकारक प्रभाव:
1) अपनी सिस्टम फ़ाइल दूषित कर सकते हैं और अपने कंप्यूटर सिस्टम को धीमा कर सकते हैं2) कुछ प्रोग्राम दूषित या दोषपूर्ण बना सकते हैं
3) कंप्यूटर के बूट सेक्टर को नुकसान पहुंचा सकता है
4) अपने कंप्यूटर की जानकारी चोरी कर सकते हैं और इसे किसी अन्य व्यक्ति को भेज सकते हैं
5) अपना पूरा हार्ड ड्राइव हटा सकते हैं
6) अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर अप्रासंगिक और कष्टप्रद संदेश प्रदर्शित कर सकते हैं
7) आपके कंप्यूटर की पावर रेटिंग बदल सकती है जो विस्फोट का कारण बन सकती है
कंप्यूटर वायरस के प्रकार:
यह सामान्य प्रकार के कंप्यूटर वायरस की एक सूची है।Boot sector viruses
Program viruses
Multipartite viruses
Stealth viruses
Macro viruses
Polymorphic viruses
Active X viruses
Browser hijacker
Resident viruses
File infector viruses
Malwares की सूची जिन्हें आम तौर पर कंप्यूटर वायरस के रूप में वर्गीकृत किया जाता है:
Computer Worms
Trojan horse
Spam virus
Spyware
Zombies
What is Bit and Bytes in Hindi ! बिट और बाइट क्या है???
इस लेख में हम Bit और Bytes को विस्तार से समझेंगे यह क्या है और क्यों है, (Bit and Bytes Introduction in Hindi) Computer Hardware को बहुत ही स्पष्ट रूप से समझने के लिए यह आवश्यक है की आप इसकी मूल ईकाई के बारे में जाने ! कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाली सभी तरह की मेमोरी का-आधार बाइट (Byte) होती है. यदि इसे हम साधारण शब्दों में समझना चाहें तो कह सकते है की एक अक्षर एक बाइट के बराबर होती है. मतलब जब आप कीबोर्ड से अंग्रेज़ी भाषा के ए अक्षर को दबाते है तो वह मेमोरी में एक बाइट जगह इस्तेमाल करता हैअब हम इसको और विस्तार से जानते है, एस अनहि है की एक अक्षर जैसा हमें दिखाई देता है वैसा ही वह एक बाइट में समाहित रहता है ! किसी भी तरह का डाटा यदि एक बाइट जगह लेता है तो वह आठ भागों में बंटकर एक बाइट के अन्दर जाता है ! यह भी जरुरी नहीं है की वह हमेशां आठ बाइट में ही विभाजित हो ऐसा भी हो सकता है वह सात भागों में बटें ! लेकिन आठ भाग इसकी सीमा है यानि की यह आठ टुकडो से ज्यादा में नहीं बंट सकता हाँ कम में जरुर रह सकता है, इन आठ टुकड़ों को बिट के नाम से जाना जाता है और यह आठ बिट मिलकर एक बिट का निर्माण करते है, चूँकि आठ बिट मिलकर एक बाइट बनाती है और एक बाइट सम्पूर्ण अक्षर को अपने में समाहित करके दर्शाने में सक्षम है ! इसलिए कंप्यूटर की मेमोरी की गणना हमेशा बाइट को ही आधार बनाकर की जाती है आप निचे दी हुई टेबल में मेमोरी के इन रूपों को समझ सकते है.
K : Kilo : 10 घात 3 : 1000
Ki : Kibi : 2 घात 10 : 1024
M : Mega : 10 घात 6 : 1,000,000
Mi : Mebi : 2 घात 20 : 1,048,576
G : Giga : 10 घात 9 : 1,000,000,000
Gi : Gibi : 2 घात 10 : 1,073,741,824
T : Tera : 10 घात 12 : 1,000,000,000,000
Ti : Tebi : 2 घात 40 : 1,099,511,627,776
P : Peta : 10 घात 15 : 1,000,000,000,000,000
Pi : Pebi : 2 घात 50 1,125,899,906,842,624
सामान्य रूप में मेमोरी के मान को बाइनरी मान के अनुसार ही प्रदर्शित किया जाता है ! लेकिन डिस्क की क्षमता के संदर्भ में दूसरा रास्ता अपनाते है.
What is CD and DVD in Hindi – सीडी और डीवीडी क्या है???
इस लेख में आप सीडी और डीवीडी (CD and DVD) की पूरी जानकारी विस्तार से पढेंगे, जैसे: कब और किसने बनाई, कौनसी तकीनीकी पर आधारित है, कैसे कार्य करती है आदि-आदि तो चलिए शुरू करते है सबसे पहले हम सीडी के बारे में जानते है.
सीडी क्या है और का विकास (Introduction and History of CD):
यदि हम सीडी के विकास पर नजर डालें तो 1979 में Philips और Sony Corporation ने मिलकर चलाया जिसके तहत Compact Disk Digital Audio Standard का विकास हुआ ! सीडी का निर्माण एक पोली कार्बोनेट बफर के द्वारा होता है ! इसका आकार 120 मिलीमीटर के दाया मीटर में होता है और इसकी मोटाई 1.2 मिलीमीटर होती है, इसके बीचों बीच 15 मिलीमीटर का एक होल होता है जिसके पश्चात् एक सिंगल फिजिकल ट्रेक बना होता है.डीवीडी क्या है और इसका विकास (What is DVD in Hindi):
सीडी (CD) के पश्चात् डीवीडी (DVD) का नंबर आता है ! 1995 के करीब डीवीडी का विकास हुआ और इसकी एक लेयर में 4.7GB गीगाबाइट से लेकर 8.5 GB गीगाबाइट तक डाटा आ सकता है इसकी क्षमता सीडी से 11 से 12 गुना अधिक हो सकती है.सीडी और डीवीडी किस तकीनीकी पर आधारित है?
(Difference between CD and DVD):जहाँ तक तकीनीकी का सवाल है डीवीडी और सीडी की तकीनीकी में कोई खास अंतर नहीं है, दोनों का आकार 120mm डाया मीटर में ही होता है और दोनों का निर्माण पॉलि कार्बोनेट बेस पर ही आधारित है. मुख्य अंतर यह है की जहाँ सीडी केवल एक लेयर का इस्तेमाल करती है वहीँ डीवीडी में दो लेयर होती है ! जिसकी वजह से इसकी क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
इसके अतरिक्त डीवीडी Higher density recording और Reading के लिए लेज़र की सॉर्ट वेब का इस्तेमाल करती है !जिसकी वजह से इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में डाटा स्टोर हो सकता है ! वहीँ पर सामान्य सीडी केवल सिंगल साइड होती है केवल एक लेयर का इस्तेमाल करके डाटा स्टोरेज के लिए प्रयोग करती है.
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